औरैया 08 नवम्बर 23-जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में पशुपालन विभाग के निराश्रित गोवंश संरक्षण हेतु 60 दिवसीय गोवंश संरक्षण अभियान के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि छूट्टा घूम रहे गोवंशों को गोवंश आश्रय स्थलों में सभी संबंधित आपसी समन्वय बनाकर गौशालाओं में पहुंचाना सुनिश्चित करें और उनके चारा, पानी तथा रहने की समुचित व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सहभागिता कार्यक्रम व नंदी को नंदीशालाओं में पहुंचाने का भी कार्य किया जाए जिससे वह सड़कों पर न घूमें। जिलाधिकारी ने प्रतिदिन के कार्य की फीडिंग निर्धारित ऐप पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए, साथ ही कहा कि पराली को प्राप्त करने के लिए अभियान चला कर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कृषकों से पराली प्राप्त कर लें जिससे गोवंशों को अन्य हरे चारे के साथ पराली को भी खाद्यान्न के रूप में दिया जा सकें।
जिलाधिकारी ने कहा कि गोचर अभियान के अंतर्गत अतिक्रमण मुक्त कराए गए स्थलों को चिह्नित कर चारा आदि बोया जाए जिससे गोवंशों को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सके। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र में रहकर पशुपालन संबंधी अन्य कार्य भी नियमित रूप से संपादित करें और प्रथम गर्भाधान टीकाकरण कार्य को भी लक्ष्य के सापेक्ष सुनिश्चित किया जाए इसमें किसी प्रकार की शिथिलता/लापरवाही न बरते। उन्होंने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के कार्य में जनपद में संचालित एनजीओ द्वारा कार्य अधिक किया जा रहा है इससे यह प्रतीत होता है कि आप लोग अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रहे हैं जिससे पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान के लिए अधिक भुगतान देना पड़ता है जो शासन की मंशा के विरुद्ध है इसलिए आप अपने कार्य को मेहनत और लगन के साथ पूरा करें जिससे पशुपालकों को अधिक धनराशि खर्च न करनी पड़े। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि अपने स्तर से प्रतिदिन कार्य की समीक्षा करें और खराब कार्य प्रणाली पाए जाने के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके अवगत भी कराएं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह,मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत, खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि गोचर अभियान के अंतर्गत अतिक्रमण मुक्त कराए गए स्थलों को चिह्नित कर चारा आदि बोया जाए जिससे गोवंशों को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सके। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्र में रहकर पशुपालन संबंधी अन्य कार्य भी नियमित रूप से संपादित करें और प्रथम गर्भाधान टीकाकरण कार्य को भी लक्ष्य के सापेक्ष सुनिश्चित किया जाए इसमें किसी प्रकार की शिथिलता/लापरवाही न बरते। उन्होंने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के कार्य में जनपद में संचालित एनजीओ द्वारा कार्य अधिक किया जा रहा है इससे यह प्रतीत होता है कि आप लोग अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रहे हैं जिससे पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान के लिए अधिक भुगतान देना पड़ता है जो शासन की मंशा के विरुद्ध है इसलिए आप अपने कार्य को मेहनत और लगन के साथ पूरा करें जिससे पशुपालकों को अधिक धनराशि खर्च न करनी पड़े। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि अपने स्तर से प्रतिदिन कार्य की समीक्षा करें और खराब कार्य प्रणाली पाए जाने के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके अवगत भी कराएं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह,मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत, खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।