जीएसटी विभाग के उत्पीड़न के खिलाफ अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन

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औरैया 04 जनवरी 24-उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों द्वारा अपर जिलाधिकारी औरैया महेंद्र पाल सिंह को ज्ञापन दिया गया, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकरण के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने व्यापारियों की समस्याओं को हित में रखते हुए प्रत्येक जनपद में जिला अध्यक्ष मय टीम के द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन देने का आवाहन किया। जिसमें कहा गया कि जीएसटी के पोर्टल में आज तक सुधार की प्रक्रिया चल रही है। बावजूद इसके जीएसटी विभाग अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के बजाय व्यापारियों पर 2017-2018 के खातों में मिसमैच की आड़ में ब्याज व पेनल्टी वसूल रहा है, जिसे तुरंत बंद किया जाए नहीं तो व्यापार मंडल एक बड़ा आंदोलन छेडेगा।
गौरतलब है की उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री को एक जीएसटी विभाग के उत्पीड़न के खिलाफ ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से हर जिला मुख्यालय पर भेजा गया। इसी कड़ी में आज जिला अध्यक्ष दीपक अवस्थी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया।
प्रांतीय अध्यक्ष श्री लोकेश अग्रवाल ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि 2017-18 व 2018-19 जब जीएसटी का पहला वर्ष था बिलों के मैचिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी। 2017-18 व 18 19 में जीएसटी पोर्टल ‌पर 2ए व जीएसटी 2बी पोर्टल पर चालू नहीं था, सिर्फ 3बी रिटर्न फाइल हो सकती थी। जिस वजह से व्यापारी खरीद के बिल पोर्टल पर चेक नहीं कर सकते थे। खरीद के वास्तविक बिलों के आधार पर 3बी फाइल कर आईटीसी क्लेम की जाती थी। इस कारण आईटीसी मिसमैच हो रही थी। लोकेश अग्रवाल ने कहा कि अधिकांश मामलों में मामूली टैक्स का अंतर होने पर भी धारा 73 में कम से कम 10000 एसजीएसटी व 10000 सीजीएसटी की पेनल्टी 100-200 रुपए के अंतर होने पर भी लगाई जा रही है। साथ ही उस पर 18% ब्याज की मांग भी नोटिस में की जा रही है। इसमें व्यापारी कोई गलती या कभी आईटीसी मिसमैच होने में नहीं है, श्री लोकेश अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग करते हुए का की 2017-18 व  2018-19 के आईटीसी मिसमैच मामलों में सिर्फ टैक्स का अंतर व्यापारी से लिया जाए। पेनल्टी व ब्याज वर्ष 2017-18 व 2018-19 के आईटीसी मिसमैच मामलों में न लगाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18-19 का आईटीसी मिसमैच मामलों में व्यापारी द्वारा जमा कराई गयी, पेनल्टी व ब्याज वापस दिया जाए।

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