महिला जागरूकता-प्राकृतिक संसाधन एवं आजीविका संरक्षण हेतु अभियान

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औरैया  30 दिसंबर 23-जनपद के गाँव भाउपुर में प्राकृतिक संसाधन एवं आजीविका संरक्षण हेतु महिला जागरूकता अभियान अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मीडिया नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया गया। समिति द्वारा जनपद में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं महिलाओं की आजीविका संरक्षण हेतु लगातार जनपद में मुहिम जारी है। समिति जनपद में स्वयं सहायता समूह सदस्यों के माध्यम से हस्तक्षेप कर रही है। समिति सचिव रीना पाण्डेय ने जागरूकता अभियान की पृष्ठभूमि को स्पष्ट करते हुए बताया कि हर किसी को स्वस्थ, सुखी और सम्मान के साथ जीवन बिताने के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होती है, लेकिन साथ ही हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरुरत है कि वैश्विक संसाधनों का दोहन इतना भी अधिक न हो कि जलवायु और पर्यावरण के विघटन का कारण बन जाएं। जिस तरह हम संसाधनों का दोहन कर रहे हैं उसमें तत्काल बदलाव न किया तो उसका पर्यावरण पर व्यापक असर पड़ेगा पहले की तुलना में कहीं ज्यादा अब संसाधनों का तेजी से दोहन किया जा रहा हैं। चिंता की बात तो यह है कि अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए हम अपने हिस्से के संसाधनों की तुलना में कहीं ज्यादा उपभोग कर रहे हैं। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जितने संसाधनों का उपभोग करना चाहिए, लेकिन हम उससे कहीं ज्यादा खर्च कर रहे हैं, जो कि पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। कार्यक्रम में उपस्थित समाज सेविका विद्या सिंह सेंगर ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदूषण का अर्थ है प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। शुद्ध वायु न मिलन शुद्ध जल न मिलना शुद्ध हवा न मिलना शुद्ध खाद्य पदार्थ न मिलना, शुद्ध वातावरण न मिलना ही प्रदूषण है प्रदूषण कई प्रकार का होता है जैसे वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण आदि प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण है वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग जैसे फ्रिज कूलर एसी प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना वृक्षों का अंधाधुंध काटना आदि इसके मुख्य कारण है प्रदूषण से बचने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए खंड विकास अधिकारी महोदय ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदूषण एक प्रकार का धीमा जहर है जो हवा, पानी, धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी सड़ा-गलाकर नष्ट कर देता है। आज प्रदूषण के कारण ही मनुष्यों का अस्तित्व खतरे में है। इसी कारण बहुत से प्राणी, जीव-जंतु, पशु-पक्षी, वन्य प्राणी भी विलुप्त हो गए हैं। घरेलू कचरा जिसका पानी में निस्तारण नही होता है, जो जमीन पर ही फैला रहता है। भूमि प्रदूषण के कारण इसमें मच्छर, मख्खियां और दूसरे कीड़े पनपने लगते है, जोकि मनुष्यों तथा दूसरे जीवों में कई तरह के बीमारियों का कारण बनते है। यह समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है इसके नियंत्रण का प्रयास हम सभी को करना है ,इससे बचने का प्रयास करना है तभी हम अपने गाँव को प्रदूषण मुक्त बना सकते है। इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी बब्बन प्रसाद मौर्य, वरिष्ठ समाज सेवी विद्या सिंह सेंगर, समिति सचिव रीना पाण्डेय, अंकिता शिप्रा विष्णु सोनम रामा, राम देवी, राधा प्रतीक सचिन वीरेंद्र आदि के सहित 128 लोग उपस्थित रहे।

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