अक़ीदत से मनायी ख्वाजा गरीब नवाज की छठी शरीफ

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आस्ताना आलिया के बाहर बज्म नातो अदब ने लगाई गई चिश्ती सबील औरैया 18 जनवरी 24-फफूंद अजमेर शरीफ के सूफी संत हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज चिश्ती संजरी के 812 वें उर्स मुबारक के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी खानक़ाह आस्ताना आलिया समदिया फफूंद शरीफ में ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की छठी शरीफ के क़ुल की फातिहा का एहतिमाम हुआ जिसमें अक़ीदतमन्दों ने पहुंचकर फातिहा में शिरकत कर दुआएं मांगी वहीं आस्ताने के बाहर बज्म नातो अदब ने चिश्ती सबील लगाकर लोगों को दलिया, खीर और चाय बांटी।
हर साल की तरह इस साल भी ख़ानक़ाह आस्ताना आलिया समदिया मिस्बाहिया में सज्जादा नशीन हजरत सैयद अख़्तर मियां चिश्ती के जानशीन सैयद नवाज़ अख़्तर चिश्ती मियां की सरपरस्ती में ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की छठी शरीफ की क़ुल की फातिहा का एहतिमाम किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत असर की नमाज़ के बाद क़ुरआन ख़्वानी से हुई और मगरिब की नमाज़ के बाद मुख़्तसर तक़रीरी प्रोग्राम हुआ जिसमे उलमाएकिराम ने आये हुए लोगों को ग़रीब नवाज़ की नबी की शरीयत के मुताबिक गुज़ारी हुई ज़िंदगी के बारे में बताते हुए उनकी करामतें बताई और लोगों से भी अपनी ज़िंदगी को अल्लाह व उसके रसूल के बताए हुए रास्ते पर गुज़ारने की बात कही। इशा की नमाज़ के बाद महफिले सिमा हुई जिसमें कव्वालों ने ख्वाजा गरीब नवाज की शान में कव्वाली पढ़ी। इसके बाद ग़रीब नवाज़ के क़ुल शरीफ की महफ़िल व फातिहा हुई जिसमें अक़ीदतमन्दों ने शामिल होकर मुल्क में अमनचैन की दुआएं मांगी। फातिहा के बाद लोगों को ख्वाजा ग़रीब नवाज़ का चिश्ती लंगर खिलाया गया। ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की छटी शरीफ के मौके पर अकीदतमंद लोगों ने आस्ताने पर स्थित दरगाह पहुंचकर हाजिरी देकर फातिहा पढ़ी और दुआएं मांगी।
ख्वाजा गरीब नवाज की छटी शरीफ के मुबारक मौके पर आस्ताना आलिया समदिया के गेट के बाहर पर बज़्म ए नातों अदब की तरफ से सबील-ए चिश्त लगाई गई जिसमें राहगीरों के लिए चाय, कॉफी और दलिया, खीर आदि का इंतिज़ाम किया गया जिसका उद्धघाटन सैय्यद मुहम्मद अज़हर मियां चिश्ती ने किया। उन्होंने बताया कि पानी ,चाय आदि खिलाना पिलाना सबसे बड़ा सवाब का काम है। संस्था के लोगों ने रास्ता से गुजरने वाले सभी राहगीरों को दलिया ख़िला चाय पिलाई। इस कार्य के लिये लोगों ने संस्था के लोगों की सराहना की। इस मौके पर सैय्यद मुहम्मद मियां चिश्ती, मुस्तक़ीम चिश्ती, मुशीर चिश्ती, दिलशाद चिश्ती, नफीस चिश्ती आदि लोग मौजूद रहे।

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