धूमधाम से मनाया गया अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड दिवस (बर्ड फेस्टिवल)

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औरैया 02 फरवरी 24-प्रभागीय वनाधिकारी इम्तियाज अहमद सिद्दीकी ने अवगत कराया है कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिबियापुर स्थित कार्यालय-प्रभागीय वनाधिकारीऔरैया वन प्रभाग परिसर में अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड दिवस (बर्ड फेस्टिवल) बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में मदर इण्डिया पब्लिक स्कूल, दिबियापुर एवं सरस्वती शिशु ज्ञान मंदिर, दिबियापुर के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर  प्रभागीय वनाधिकारी, औरैया वन प्रभाग एवं  क्षेत्रीय वन अधिकारी, क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बच्चों को वेटलैंड की उपयोगिता एवं पक्षियों के बारे में विस्तार से बताया व दूरबीन के द्वारा उपस्थित स्कूली छात्र/छात्राओं को बर्ड वाचिंग करायी। पक्षियों के निवास, क्रियाकलापों के बारे में भी विस्तार से अवगत कराया। प्रभागीय वनाधिकारी ने उपस्थित स्कूली बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड दिवस पर पक्षियों के बारे में विस्तार से जागरूक किया एवं उपस्थित बच्चों को पर्यावरण के बारे में भी जानकारी दी व पक्षियों के प्राकृतवास हेतु ज्यादा से ज्यादा पौधों को लगाने पर विशेष बल दिया तथा यह भी अवगत कराया कि वर्ष 1971 के बाद वेटलैंड संरक्षण के जागरूकता हेतु विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष 02 फरवरी को विश्व वेटलैंड दिवस (आर्द्रभूमि) के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वेटलैंड्स जमीन का वह हिस्सा होता है, जहाँ पानी और भूमि आपस में मिलते हैं। वे हमारे लिए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत जरूरी है। वेटलैंड, ताल, झील, पोखर, जलाशय, दलदल इत्यादि नाम से जाने जाते हैं। सामान्यतः वर्षा ऋतु में यह पूर्ण रूप से जलप्लावित हो जाते हैं। वेटलैंड्स अत्यंत उत्पादक जलीय पारिस्थितिकी-तंत्र है, यह न केवल भण्डारण का कार्य करते हैं, अपितु बाढ़ के अतिरिक्त जल को संचय कर बाढ़ की विभीषिका कम करते हैं। वेटलैंड्स को ‘बायोलॉजिकल सुपरमार्केट’ तथा किडनीज ऑफ द लैंडस्केप” (भू-दृश्य के गुर्दे) भी कहा जाता है क्योंकि ये विस्तृत भोज्य जाल उत्पन्न करने के साथ-साथ इनका पारिस्थितिकी तंत्र जलचक द्वारा जल को शुद्ध करता है तथा प्रदूषक अवयवों को निकाल देता है। ये पर्यावरणीय संतुलन में मनुष्य के सहायक हैं. जिनमें नाना प्रकार के जीव-जन्तु एक कोशकीय से कशेरुकी जीव तक पाये जाते हैं। ये समृद्ध जलीय जैवविविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उ.प्र. के तराई क्षेत्र में नम एवं दलदल वेटलैंड्स, गांगेय मैदानों में ऑक्स-बो-लेक वेटलैंड एवं दक्षिणी विंध्य क्षेत्र व बुंदेलखंड क्षेत्र मानव निर्मित जलाशय / वेटलैंड्स हैं।
इस अवसर पर मदर इण्डिया पब्लिक स्कूल, दिबियापुर एवं सरस्वती शिशु ज्ञान मंदिर, दिबियापुर के छात्र/छात्राओं से चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित करायी गयी, जिसमें सरस्वती शिशु ज्ञान मंदिर, दिबियापुर की छात्रा कु. आकांक्षा को प्रथम पुरस्कार, विवेक शर्मा को द्वितीय स्थान  एवं मदर इण्डिया पब्लिक स्कूल, दिबियापुर की छात्रा रोशनी  को तृतीय पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा बच्चों को उत्कृष्ट चित्रकला के लिए पुरस्कृत किया गया। इसके बाद प्रभागीय वनाधिकारी, औरैया ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड दिवस एवं बर्ड फेस्टिवल, 2024 का समापन किया।
इस अवसर पर  मो. साकिब खान उप प्रभागीय वनाधिकारी औरैया, नरेन्द्र कुमार रावत क्षेत्रीय वन अधिकारी, बृजराज सिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी अछल्दा, अंगद सिंह चन्देल क्षेत्रीय वन अधिकारी बिधूना, धर्मवीर सिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी औरैया सहित  संबंधित विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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