औरैया 20 जनवरी 24-जनपद में 24 जनवरी 2024 तक शीत दिवस की स्थिति बने रहने की संभावना है। जिला प्रशासन ने अत्यधिक शीत के दुष्प्रभाव से बचने हेतु जारी किए निर्देश व सुझाव-
राज्य के निचले क्षोभमंडल में दिनांक 19 जनवरी से पुनः बर्फीली ठंडी पछुवा एवं उत्तर-पछुवा हवा का प्रवाह होने का पूर्वानुमान है और इसके साथ ही समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 140-160 नॉट क्रम की जेट स्ट्रीम हवाएँ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर कायम है। जिसके प्रभाव से राज्य में 19 जनवरी से 24 जनवरी 2024 तक शीत दिवस की स्थिति बने रहने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य में न्यूनतम तापमान 2°C-3°C तक क्रमिक गिरावट के साथ 10°C से कम रहने की सम्भावना है। अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है जो कि अभी राज्य में अधिकांश जगहों पर 14 °C से 16°C के बीच दर्ज किया जा रहा है। इसके साथ ही अगले 5 दिनों के दौरान राज्य के कुछ जगहों पर घने कोहरे का भी पूर्वानुमान है।
शीत के प्रभाव-
राज्य के निचले क्षोभमंडल में दिनांक 19 जनवरी से पुनः बर्फीली ठंडी पछुवा एवं उत्तर-पछुवा हवा का प्रवाह होने का पूर्वानुमान है और इसके साथ ही समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 140-160 नॉट क्रम की जेट स्ट्रीम हवाएँ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर कायम है। जिसके प्रभाव से राज्य में 19 जनवरी से 24 जनवरी 2024 तक शीत दिवस की स्थिति बने रहने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य में न्यूनतम तापमान 2°C-3°C तक क्रमिक गिरावट के साथ 10°C से कम रहने की सम्भावना है। अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है जो कि अभी राज्य में अधिकांश जगहों पर 14 °C से 16°C के बीच दर्ज किया जा रहा है। इसके साथ ही अगले 5 दिनों के दौरान राज्य के कुछ जगहों पर घने कोहरे का भी पूर्वानुमान है।
शीत के प्रभाव-
फ्लू बहती/बंद नाक या नाक से खून आना जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर शुरू होती हैं या लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने के कारण बढ़ जाता है। कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि शरीर से गर्मी कम हो रही है। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने के कारण शीत देश हो सकता है। त्वचा पीली, कठोर और सुन्न हो जाती है अंततः शरीर के खुले हिस्सों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, नाक और कान के निचले हिस्से पर काले छाले दिखाई देने लगते हैं। कुछ स्थानों पर कृषि, फसल, पशुधन, जल आपूर्ति, परिवहन और बिजली क्षेत्र पर प्रभाव पड़ सकता है।
सुझाव-
लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें। आम जन खासकर बच्चे एवं बुजुर्गों को ठंड से बचने की सलाह दी जाती है गर्म कपड़े धारण करे तथा गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें घर के अंदर रहें। गंभीर शीतदंश के लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान और उपचार की आवश्यकता होती है, अतः चिकित्सक से शीघ्र संपर्क करें। कृषि विभाग तथा राज्य आपदा प्राधिकरण के सुझावों का पालन करें।
सुझाव-
लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें। आम जन खासकर बच्चे एवं बुजुर्गों को ठंड से बचने की सलाह दी जाती है गर्म कपड़े धारण करे तथा गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें घर के अंदर रहें। गंभीर शीतदंश के लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान और उपचार की आवश्यकता होती है, अतः चिकित्सक से शीघ्र संपर्क करें। कृषि विभाग तथा राज्य आपदा प्राधिकरण के सुझावों का पालन करें।