3 लाख का हल्ला और चालान 59600 का-किसानी नहीं बल्कि व्यावसायिक उपयोग में धरा गया था ट्रैक्टर ट्राली 

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औरैया 14 दिसम्बर 24-परिवहन विभाग द्वारा एक ट्रैक्टर ट्राली के चालान को लेकर कल शाम से लेकर आज तक हो हल्ला मचा हुआ है, इस मामले में स्पष्ट दो पक्ष बन गए हैं एक पक्ष वह है जो इस कार्यवाही को गलत बता रहा है तो दूसरा पक्ष वह है जो इस कार्रवाई को सही बता रहा है, कार्यवाही को गलत बताने वाले पक्ष का आरोप है कि अगर ऐसे चालान होते रहे तो किसान तो मर ही जाएगा, बर्बाद हो जाएगा, इतने पैसे कैसे चुका पायेगा, 300000 रु चालान में कैसे दे सकता है, अब यहां यह बात पैदा होती है कि रु 300000 काचालान आखिर क्यों और किस धारा के अंतर्गत किया गया, क्या रु 300000 का चालान हुआ भी है या नहीं, जब इस मामले में एआरटीओ सुदेश तिवारी जी से मामले की जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि रु 300000 काचालान नहीं किया गया है, दो धाराओं के अंतर्गत चालान किया गया है, धारा 39 और धारा 192, उक्तचालान ई-चालान संख्या UP923241213183407 पर उपलब्ध है, उसे कोई भी जांच सकता है, जाँच के बाद पाया गया कि ट्रैक्टर की बिक्री के बाद उसका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, रजिस्ट्रेशन ना होने की स्थिति में यह पता नहीं लगाया जा सकता कि यह वाहन कितना पुराना है, इसकी खरीद बिक्री कितनी पुरानी है, इसके लिए एक असेसमेंट की प्रक्रिया है, असेसमेंट के उपरांत ही कर निरोपित किया जा सकता है, ट्रैक्टर ट्राली का कुल चालान 59600 का किया गया है, मामला किसान का न होकर व्यावसायिक रूप से जुड़ा हुआ है क्योंकि इस ट्रैक्टर में ट्राली चार पहिए वाली उपयोग की जा रही थी, जो जरूरत से ज्यादा ऊंची है, और व्यावसायिक उपयोग की ट्रालियां ही इतनी ऊंची बनवाई जाती हैं, मौके पर ट्राली में 4000 ईंटें लदी हुई थी, जिनका बड़ी जिनका वजन करीब 19 मैट्रिक टन बताया गया है, उप संभागीय परिवहन अधिकारी सुधेश तिवारी ने इस मामले में एक प्रेस नोट जारी कर मामले को स्पष्ट किया है उन्होंने अवगत कराया है कि प्रवर्तन कार्य के दौरान दिनांक 13.12.2024 को 18:34 बजे अपंजीकृत चार पहिया ट्रॉली सहित अपंजीकृत ट्रैक्टर चेसिस संख्या BZJSK127262053 की जाँच पर पाया गया कि उक्त यान पर कोई पंजीयन चिन्ह अंकित नहीं है तथा ट्रैक्टर के साथ संलग्न चार पहिया ट्रॉली में चार हजार ईंटों का व्यावसायिक परिवहन भी किया जा रहा है।
मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 39 के अनुपालन में किसी सार्वजनिक स्थान में अथवा किसी भी अन्य स्थान में किसी मोटरयान का स्वामी किसी मोटरयान को उसी स्थिति में संचालित करेगा अथवा संचालन की अनुज्ञा देगा जबकि उसका मोटरयान पंजीकृत हो एवं यान पर पंजीयन चिह्न को विहित रूप से प्रदर्शित किया गया हो। उक्त धारा के उल्लंघन में धारा 192 (1) के अन्तर्गत प्रथम अपराध के लिए न्यूनतम 2000 रुपए एवं अधिकतम 5000 रुपए तक का अर्थदण्ड देय होगा तथा अनुवर्ती अपराध के लिए न्यूनतम 5000 एवं अधिकतम 10000 रुपए का अर्थदण्ड अथवा एक वर्ष का कारावास अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान अधिनियम 1997 की धारा 4 के अनुपालन में बिना कर का भुगतान किए किसी भी मोटरयान का संचालन पूर्णतः प्रतिबन्धित है। कुछ विशिष्ट श्रेणी के मोटरयानों को मोटरयान कराधान नियमावली, 1998 के नियम संख्या 28 के अन्तर्गत कर से उन्मुक्ति प्रदान की गई है एवं नियम संख्या 28 (9) के अन्तर्गत कृषि प्रयोजनों हेतु अनन्य रूप से प्रयुक्त ट्रैक्टर एवं फार्म से बाजार या कारखाने तक जाने वाली सड़क पर मात्र कृषि उत्पाद के परिवहन के लिए प्रयुक्त ट्रैक्टर ट्रॉली को ही कर से उन्मुक्ति प्रदान की गई है।
ट्रैक्टर एवं ट्रॉली के अपंजीकृत होने एवं करापवंचन में लिप्त होने के कारण अधोहस्ताक्षरी द्वारा उक्त ट्रैक्टर ट्रॉली को ई-चालान संख्या UP923241213183407 पर निरुद्ध करते हुए थाना बेला, जनपद औरैया की सुरक्षित अभिरक्षा में दिया गया। यान के चालान एवं निरुद्ध किए जाने की प्रक्रिया के दौरान ही शीलू कुशवाहा नामक व्यक्ति द्वारा अपने कुछ अन्य सहयोगियों के साथ थाने के समक्ष हंगामा करते हुए शासकीय कार्य को बाधित किया जाना आरम्भ कर दिया गया श्री कुशवाहा स्वयं को एक माननीया सांसद महोदया का भतीजा बताते हैं। शीलू कुशवाहा चार पहिया बड़ी ट्रॉलियों के माध्यम से अपने संरक्षण में करापवंचन कर ईंटों का परिवहन करते हुए आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। कोई भी किसान बड़े आकार की और अधिक ऊँचाई की चार पहिया ट्रॉली नहीं रखता है। निरपवाद रूप से सभी किसान दोपहिया ट्रॉली रखते हैं जिसका वैधानिक लदान सहित/सकल यान भार 7 मीट्रिक टन निर्धारित है जबकि अधोहस्ताक्षरी द्वारा निरुद्ध चार पहिया अपंजीकृत ट्रॉली सहित अपंजीकृत ट्रैक्टर का लदान सहित भार 19 मीट्रिक टन पाया गया। चार पहिया एवं अधिक ऊँचाई वाली ट्रॉली का निर्माण विशेष रूप से ट्रक के रूप में उपयोग किए जाने हेतु किया जाता है एवं उक्त ट्रैक्टर ट्रॉली का व्यवसायिक उपयोग भी बारह टन भार के वहन हेतु एक भारी मालयान/ट्रक के रूप में किया जा रहा था।
विविध स्रोतों से अधोहस्ताक्षरी के संज्ञान में आया है कि अधोहस्ताक्षरी के द्वारा उक्त ट्रैक्टर ट्रॉली के विरुद्ध चालानात्मक एवं निरोधात्मक कार्यवाही किए जाने से अप्रसन्न कुछ असामाजिक एवं अराजक तत्वों द्वारा जिनमें से कुछ मुट्ठी भर भ्रमित राजनीतिक कार्यकर्ता भी सम्मिलित हैं, थाना बेला के समक्ष धरना दिया जा रहा है एवं प्रेस तथा मीडिया में अधोहस्ताक्षरी के विरुद्ध तथ्यहीन एवं निराधार दुष्प्रचार किया जा रहा है अतः वस्तुस्थिति को विशिष्ट एवं सामान्यजन के संज्ञान में लाने के लिए विवश होकर अधोहस्ताक्षरी को यह प्रेस नोट जारी करना पड़ रहा है। पूर्व प्रेस नोट दिनांकित 13.12.2024 में माननीया सांसद (राज्यसभा) महोदया श्रीमती गीता शाक्य का नाम त्रुटिवश अंकित हो गया है और अधोहस्ताक्षरी को इस हेतु हार्दिक खेद है।अधोहस्ताक्षरी इस सम्बन्ध में क्षमाप्रार्थी भी है। इस समस्त घटनाक्रम के लिए उत्तरदायी अपंजीकृत ट्रैक्टर के विक्रेता डीलर एवं परिवहन विभाग औरैया द्वारा निर्गत व्यवसाय प्रमाणपत्र संख्या UP79C0005TC के धारक सर्वश्री लॉर्ड कृष्णा मोटर्स, दिबियापुर रोड, बिधूना, जनपद-औरैया के विरुद्ध विलम्बतम दिनांक 31.12. 2024 तक कठोरतम विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी जिससे कि एक साधारण किसान को न्याय प्राप्त हो सके।

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