एक थे सुब्रत रॉय…

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सुब्रत राय ने मुंबई के एक निजी अस्पताल में 75 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली, सुब्रत राय सहारा का निधन व्यापार जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, वे एक करिश्माई व्यक्ति थे। वो भारत के उद्योग जगत के पहले सुपर स्टार थे। एक दौर था। उनकी शोहरत का सूरज कभी अस्त नहीं होता था। बड़े बड़े नेता लाइन लगाकर  खड़े रहते थे। बॉलीवुड के सुपरस्टार उनके घर चाय वितरण करते थे। उद्योग जगत नतमस्तक था सुब्रत रॉय के सामने। रॉय ने जिस पर भी हाथ रख दिया वो दौलत, शोहरत और ताकत की बुलंदी पर होता था। चिट फंड से लेकर एयरलाइंस तक सब धंधा किया। उनके बेटों की शादी हुई थी लखनऊ से। भारत के प्रधानमंत्री, दर्जनभर से अधिक केंद्रीय मंत्री, कितने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पूरा उद्योग जगत रॉय के बुलावे पर आया था। क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी मेहमानों को खाना परोसते थे। वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सभी सदस्यों को अम्बे वैली म घर गिफ्ट में दिए। बड़े क्रिकेटर उनके बच्चों की शादी हो या घरेलू आयोजन बिना सहारा श्री के पूरा नहीं होता था। सुपर स्टार महोदय तो खाना परोसते थे। बेहिसाब दौलत और बेशुमार ताकत। तब सिर्फ नाम ही काफी था सुब्रत रॉय। लेकिन एक राजनीतिक भूल ने सुब्रत रॉय के एंपायर को लगभग धूल में मिला दिया। उनके आलोचक भी बहुत हैं जो आज भी इलजाम लगाते हैं। लेकिन वक्त बदला तो जो ताकतवर लोग रॉय के घर झाड़ू पोछा करके भी गौरव की अनुभूति करते थे उन्होंने भी पीठ दिखा दी। सुब्रत रॉय का साथ उन सबने छोड़ दिया जिन पर उन्हें बहुत भरोसा था। वो घिरते गए और जेल गए। साम्राज्य सिकुड़ता गया। जैसे तैसे जेल से निकले भी। कभी शान ओ शौकत का एंपायर उनके ही सामने खंडहर हो गया। किसी ने उनका साथ नहीं दिया। आज भी सेबी के पास सहारा का 25 हजार करोड़ है। लेकिन सहारा ग्रुप का पतन हो गया। वो जितने बड़े शो मैन थे आज उतनी ही खामोशी से चले गए। इसीलिए कहता हूं समय न लड़ो। आजतक कोई जीत नही पाया। जीत भी नही सकता।

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