औरैया 15 फरवरी 24-मुख्य सचिव महोदय, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में प्राथमिकता कार्यक्रमों के सम्बन्ध में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिलाधिकारी नेहा प्रकाश द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत सस्टेनेबल सॉल्यूशन फार एसबीएमजी पर प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि समुदाय के सहयोग से ओ.डी.एफ. प्रथम चरण को पार करते हुये ओ.डी.एफ. फेज-2 की तरफ जनपद औरैया तेजी से अग्रसर हो रहा है। जिसमें व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक शौचालय, आच्छादित ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबन्धन पर कार्य किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत सभी ग्राम पंचायतों में ठोस कचरा प्रबंधन हेतु आर.आर.सी. केन्द्रों, नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट, सामुदायिक कचरा पात्र, प्लास्टिक बैंक का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही तरल अपशिष्ट प्रबंधन में डब्लूएसपी, नालियां, फिल्टर चेम्बर, सोक पिट, लीच पिट, सिल्ट कैचर एवं डक फार्मिंग का उपयोग किया गया है, जो कि न केवल ग्रे-वाटी प्रबंधन का कार्य करती है बल्कि तालाब को आकर्षित भी बनाती है। जैविक एवं अजैविक कचरे को घर स्तर एवं सामुदायिक स्तर से एकत्रित कर कूडा वाहन/ई-रिक्शा के माध्यम से आर.आर.सी. पर लाया जाता है। जहाँ सफाई कर्मी एवं समूह की महिलाओं के द्वारा एकत्रित कचरे को पृथक-पृथक कर गीले कचरे को बर्मी एवं नाडेप की सहायता से खाद में परिवर्तित किया जाता है एवं सूखे कचरे को कबाड़ी को बेचकर ग्राम पंचायत की स्वयं आय अर्जित की जाती है। वेस्ट प्लास्टिक को पुनः उपयोगी बनाने हेतु ग्रामीण क्षेत्र में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है तथा वर्तमान में निकले बेस्ट मटेरियल को शहरी क्षेत्र में निर्मित एम०आर०एफ० सेन्टर से लिंक किया गया है।
इसी क्रम में जनपद में निर्मित 3 बायोगैस प्लान्टों से निकली गोबर की स्लीरी को समूह की महिलाओं के सहयोग से खाद में परिवर्तित कर मंगला खाद के नाम से ब्रान्डिग एवं दिये, मूर्ति का निर्माण कर बाजारों में विक्रय किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त जनपद के विकासखंड भाग्यनगर की ग्राम पंचायत कोठीपुर के द्वारा जनसमुदाय की समस्त शिकायतों/सुविधा हेतु एक टोल फ्री नम्बर 18005711492 भी जारी किया गया है, जिससे जनसमुदाय को काफी सुविधाये/सहयोग त्वरित प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त जनपद के अन्य ग्रामों को भी उक्त कार्यों हेतु अग्रसर किया जा रहा है। जो कि जल्द ही मॉडल के रूप में विकसित हो जायेगे।