औरैया 24 अक्टूबर 24-जिला कृषि अधिकारी शैलेन्द्र कुमार वर्मा ने अवगत कराया है कि जनपद में रबी सीजन की फसलों के लिये उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, रबी वर्ष-2024-25 में कुल 126312 हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें मुख्य रूप से गेहूं, राई-सरसों, चना एवं जौ की फसल है। वर्तमान में जनपद में लगभग 19.50 प्रतिशत क्षेत्रफल में बुवाई हो चुकी है। इन फसलों की बुवाई में नाइट्रोजनस उर्वरक जैसे-यूरिया, फॉस्फेटिक उर्वरक जैसे डी.ए.पी., एस.एस.पी. एवं एन. पी.के. तथा पोटेशिक उर्वरक जैसे एम.ओ.पी. का प्रयोग सन्तुलित एवं संस्तुत मात्रा के अनुसार ही किया जाये जिससे फसलों को आवश्यक तत्व प्राप्त हो सके तथा उर्वरकों के असन्तुलित मात्रा में प्रयोग से होने वाले मृदा, वायु, एवं जल प्रदूषण के साथ लागत को भी कम किया जा सके। दिनॉक-24.10.2024 को जनपद में 2637 मै.टन डी.ए.पी., 2042 टन एन.पी.के., 856 मै.टन एस.एस.पी., 16300 मै.टन यूरिया और 485 मै.टन एम.ओ.पी. उपलब्ध है। साथ ही आर.सी.एफ. कम्पनी की 150 मी. टन डी.ए.पी. मैनपुरी रैक प्वांइट से कल प्राप्त हो गयी है। इसके अलावा एच.यू.आर.एल. कम्पनी की 250 मी.टन डी.ए.पी. इटावा रैक प्वाइट से एक-दो दिन में प्राप्त होगी। इस प्रकार जनपद में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिसका वितरण साधन सहकारी समिति एवं निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रों द्वारा किया जा रहा है। किसान भाई अपने नजदीकी साधन सहकारी समिति / निजी उर्वरक बिक्री केन्द्र से आवश्यकतानुसार उर्वरक क्रय कर सकते हैं। कृषक भाइयों को सलाह दी जाती है कि डी.ए.पी. एवं यूरिया के विकल्प के तौर पर नैनो डी.ए.पी. एवं नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाये। किसान कृषक भाइयों से पुनः अपील है, कि फसलों में उर्वरक का प्रयोग सन्तुलित मात्रा में करें और अपनी जोत और फसल के आवश्यकतानुसार क्रय करके उपयोग करें। यदि फिर भी किसी किसान भाई को कोई समस्या हो तो कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम नंबर- 05683-299006 पर या लिखित रूप में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जनपद के समस्त सहकारी एवं निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि कृषकों को उनकी जोत एवं फसल की संस्तुति के आधार पर ही उर्वरक का वितरण करें। यदि उर्वरक भंडारण एवं वितरण में किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाएगी तो संबंधित के विरुद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश-1985 व उर्वरक (संचलन) नियंत्रण आदेश-1973 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के तहत कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।